रायपुर. विधानसभा के शीतकालीन सत्र का बुधवार को चौथ दिन है। आज राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। मंगलवार को भारी हंगामें के बीच राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा अनुपूरक बजट पारित हो गया। हालांकि बजट से पहले विपक्ष ने आपत्ति जताई थी कि पहले राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होनी चाहिए। इस दौरान विपक्ष ने बजट को लेकर भारी विरोध भी किया और संदन से वॉक आउट कर दिया।

विपक्ष ने कर्जमाफी पर सवाल उठाते हुए कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से लोन लेने वाले किसानों का कर्ज माफ नहीं हुआ। ऐसे में सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि खेती के लिए राष्ट्रीयकृत बैंकों के लोन लेने वाले किसानों का भी कर्ज माफ होगा। उन्होंने अनुपूरक बजट की अनुदान मांगों पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए कहा कि जनता से जो वादा किया है उसे जरूर पूरा करेंगे। सीएम ने कहा कि राष्ट्रीयकृत बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों की रिपोर्ट मंगाई है, जो एक-दो दिन में आ जाएगी। आते ही कर्जमाफी कार्यवाही शुरू करेंगे।
राज्य का बजट 1 लाख 5 हजार 170 करोड़ का- बघेल
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य का बजट 1 लाख 5 हजार 170 करोड़ का हो गया है। यह बजट घोषणा पत्र पूरा करने की दिशा में अहम कदम है। सीएम ने धान खरीदी के मुद्दे पर भी विपक्ष पर जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि पद संभालते ही हमने किसानों का धान 2500 रुपए प्रति क्विंटल में खरीदने के फैसला किया है। आपने 2100 रुपए में एक पाव धान नहीं खरीदा, हम 2500 रुपए प्रति क्विंटल में धान खरीदने वाली देश मे पहली सरकार हैं। हमने कहा था कि सरकार बनने के 10 दिन में कर्जमाफी करेंगे, हमने किया। अनुपूरक बजट में 4223 करोड़ 47 लाख कर्जमाफी के लिए रखे हैं। 5 लाख 25 हजार डिफाॅल्टर किसानों का भी कर्ज माफ किया है।

भाजपा विधायकों का हुआ निलंबन
सीएम के भाषण के बीच ही कर्जमाफी को लेकर पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल नारेबाजी करने लगे, अन्य विपक्षी सदस्य भी साथ हो लिए। बघेल भाषण देते रहे, विपक्ष ने नारेबाजी करते हुए वॉकआउट कर दिया। जब विपक्षी नेता जब लौटे तो सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों ने अपमानजनक टिप्पणी कर दी, बृजमोहन नाराज हो गए। उन्होंने माफी मांगने को कहा। बृजमोहन से कवासी लखमा आैर शिव डहरिया की नोकझोंक होने लगी। विपक्षी गर्भगृह में बैठ गए। स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने विधायकों को निलंबित कर दिया और बाहर जाने को कहा, पर सभी वहीं बैठे रहे। और रो पड़े भाजपा विधायक बृजमोहन
अध्यक्ष ने उन्हें चर्चा के लिए कमरे में बुलाया। सदन की कार्रवाई शुरू होने पर महंत ने निलंबन खत्म कर मर्यादित रहने की सीख दी। संसदीय कार्यमंत्री रवींद्र चौबे ने घटना के लिए खेद जताया। बृजमोहन ने कहा कि 29 साल के विधायक जीवन में उनसे कभी ऐसा व्यवहार नहीं हुआ। वे आहत हैं। (कहते-कहते बृजमोहन रो पड़े।)

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