ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बहन गीता मेहता ने पद्मश्री पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया है. उन्होंने इस पुरस्कार को नहीं लेने की वजह बताते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार ने आगामी लोकसभा चुनाव में राजनीतिक फायदा लेने के लिए यह पुरस्कार दे रही है, जिसके चलते वो इसको स्वीकार नहीं कर सकती हैं. उनको साहित्य और शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए यह पुरस्कार दिए जाने की घोषणा की गई थी.
शुक्रवार को गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पद्म पुरस्कारों की घोषणा की थी. इस बार कुल 112 पद्म पुरस्कार दिए जा रहे हैं. इसमें से 94 लोगों को पद्मश्री, 14 हस्तियों को पद्म भूषण और 4 लोगों को पद्म विभूषण से नवाजा जाएगा. कला, सामाजिक सेवा, साइंस, इंजीनियरिंग, ट्रेड एंड इंडस्ट्री, चिकित्सा, साहित्य और शिक्षा, खेल और नागरिक सेवा के लिए क्षेत्र में अहम योगदान देने के लिए ये पुरस्कार दिए जा रहे हैं.
गीता मेहता ने पुरस्कार नहीं लेने का ऐलान करते हुए कहा, ‘मुझे पद्मश्री पुरस्कार के लिए चुना गया, यह मेरे लिए बेहद सम्मान की बात है. हालांकि मुझे यह पुरस्कार लेने से इनकार करते हुए बहुत दुख हो रहा है, क्योंकि यह पुरस्कार उस समय दिए जाने की घोषणा की गई है, जब आम चुनाव बेहद करीब आ गए हैं. इस समय पुरस्कार लेना गलत हो सकता है. पुरस्कार नहीं लेने से मुझे और सरकार दोनों को शर्मिंदगी झेलनी पड़ रही है.’ उन्होंने इसका ऐलान अमेरिका के न्यूयॉर्क से इसकी घोषणा की है. आपको बता दें कि नवीन पटनायक की बहन गीता मेहता अब अमेरिका की नागरिक हैं. इस बार सरकार ने कुल 11 विदेशी नागरिकों को यह पुरस्कार देने का ऐलान किया है.
आपको बता दें कि लोकसभा चुनाव बेहद करीब हैं. चुनाव आयोग जल्द ही लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान करने जा रहा है. राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव की तैयारी भी जोरशोर से शुरू कर दी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ पूरा विपक्ष एकजुट हो चुका है. केंद्र की सत्तारूढ़ बीजेपी भी लोकसभा चुनाव जीतने के लिए हर दांव आजमाने के मूड में है. हालांकि सर्वे में इस बार त्रिशंकु संसद की बात कही जा रही है.