रायपुर। उद्योग मंत्री कवासी लखमा से शनिवार को आदिवासी नेताओं से फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही विषय पर चर्चा हुई। जिसके बाद मुख्यमंत्री भूपेश ने इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग को निर्देशित किया था। सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी महकमों से अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के फर्जी जाति प्रमाण पत्र पर नौकरी कर रहे कर्मचारी-अधिकारियों की सेवाएं समाप्त करने के निर्देश दिए हैं। बताया जाता है कि प्रदेश में 250 से अधिक ऐसे मामले हैं। । इसमें कहा गया है, मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निर्देश के अनुपालन में विभागों से संबंधित ऐसे प्रकरण जिनके जाति प्रमाण, जाति प्रमाण-पत्र छानबीन समिति द्वारा फर्जी अथवा गलत पाए गए हैं, उन्हें तत्काल सेवा से पृथक किया जाए। वर्षवार आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2001 में 1, 2002 में 4, 2004 में 2, 2005 में 10, 2006 में 5, 2007 से 21, 2008 से 8, 2009 से 6 और 2010 में 6 मामले सामने आए। 2011 से 2020 तक फर्जी जाति प्रमाणपत्र पर नियुक्ति के 186 प्रकरण हैं। कई ऐसे प्रकरण है जिन पर कोर्ट से स्टे लगा हुआ है।