2024 तक देश में कहीं भी किसी भी मां-बहन को सिर पर पानी ढोने के लिए विवश नहीं होना पड़ेगा। केंद्र सरकार इस समय सीमा में हर घर तक पाइप लाइन के जरिये शुद्ध पानी पहुंचाएगी। छत्तीसगढ़ में यह काम 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। उक्त बातें केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास कार्यालय में जल जीवन मिशन के तहत चल रहे कार्यों की समीक्षा बैठक के बाद राजकीय अतिथि गृह पहुना में मीडिया से चर्चा के दौरान कहीं।

केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि विश्वव्यापी कोरोना महामारी के बावजूद केंद्र सरकार ने जल के क्षेत्र में बेहतर काम किया है। मुख्यमंत्री के साथ हमने समीक्षा योजना के तहत राज्य में चल रहे कार्यों की समीक्षा की है। छत्तीसगढ़ में जल मिशन पर काम जारी है। पानी के लिए एक नई क्रांति की सूत्रपात कर रहे हैं। नियमित पानी मिले, नित पानी मिले, साफ मिले इस पर जोर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने उन्हें राज्य सरकार की नरवा योजना की जानकारी दी। जल संचयन के लिए यह अच्छी योजना है।

राज्य के फ्लोराईड प्रभावित 150 बसाहटों में सोलर आधारित इलेक्ट्रो डीफ्लोरीडेशन प्लांट का स्थापना का कार्य किया जा रहा है। इनमें से 27 कार्य पूर्ण कर लिए गए हैं। इसी प्रकार आयरन आधिक्य प्रभावित 52 बसाहटों में से नलजल योजना का काम किया जा रहा है। 65 प्रतिशत ग्राम पंचायतों में फील्ड टेस्ट किट उपलब्ध कराए गए हैं, इसके लिए 7 हजार 950 लोगों को प्रशिक्षित किया गया है। एक राज्य स्तरीय प्रयोगशाला के साथ ही 27 जिलों, 22 उपखंड स्तरीय, 18 मोबाइल प्रयोगशालाएं संचालित की जा रही है। उन्होंने बताया कि वॉटर रिचार्जिंग के अंतर्गत नरवा कार्यक्रम में 2 हजार 411 नालों में 14 लाख 22 हजार से अधिक कार्य किए गए हैं। वर्ष 2021-22 में 8 हजार 288 नालों को चिन्हित कर एक लाख 33 हजार कार्यो के लिए कार्य योजना तैयार की गई है। मनरेगा के तहत 4 हजार 494 तालाबों का निर्माण 14 हजार 174 तालाबों का गहरीकरण और 2 हजार 750 चेक डेम का निर्माण किया गया है।