भोपाल: मोटर व्हीकल एक्ट 2019 लागू होने के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों से प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं. जनता और पुलिस की झड़प आम है. नए नियमों पर मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ ने अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने ट्वीट में लिखा कि लोगों की जान की हमें भी फिक्र है. नियम तोड़ने वालों पर जुर्माना लगाना चाहिए. लेकिन साथ ही उनकी आर्थिक स्थिति को भी समझना पड़ेगा.
मध्य प्रदेश में अभी नया मोटर व्हीकल एक्ट लागू नहीं हुआ है. सीएम कमलनाथ ने आज ट्वीट करके इस मुद्दे पर अपनी राय रखी. उन्होंने लिखा सड़क हादसों को रोकना और लोगों की जान की हिफ़ाजत हम भी चाहते है पर यह भी देखना चाहिये कि जुर्माना अव्यवाहरिक ना हो,लोगों की क्षमता के अनुरूप हो,भारी मंदी का दौर चल ही रहा है. केंद्र सरकार जुर्माने की राशि पर पुनर्विचार करे और लोगों को राहत प्रदान करे.
सीएम कमलनाथ ने केंद्र सरकार से ट्रैफिक नियम तोड़ने वाले वाहन चालकों पर लगाए जा रहे जुर्माने की राशि पर पुनर्विचार करने की अपील की है. जिससे आम लोगों को राहत मिल सके. सीएम ने लिखा कि हम भी इस बात का अध्ययन करवा रहे हैं कि ट्रैफिक नियमों का पालन कैसे हो.
मोदी सरकार ने बीते बजट सत्र में मोटर व्हीकल एक्ट, 2019 कानून बनाकर ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों से मोटा जुर्माना वसूलने की व्यवस्था की है. दूसरी ओर, भारी जुर्माने के खिलाफ कई राज्य आवाज उठा रहे हैं. हालत यह है कि अब तक कई राज्यों ने केंद्र सरकार के प्रावधानों को लागू करने का कोई नोटिफिकेशन तक नहीं जारी किया है. अधिसूचना के अभाव में कई राज्यों में पुराने रेट पर ही चालान कट रहे हैं. वहीं दिल्ली, हरियाणा जैसे राज्यों में अधिसूचना के बगैर ही नए रेट पर चालान काटे जा रहे हैं.
खास बात है कि बीजेपी शासित राज्यों ने भी इस नए कानून को हूबहू लागू करने को लेकर हाथ खड़े कर दिए हैं. गुजरात ने तो केंद्र सरकार की ओर से लागू जुर्माने को कम भी कर दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दरों को कम करने के लिए परिवहन मंत्री नितिन गडकरी को पत्र लिखा है. विरोध करने वाले राज्यों का तर्क है कि अधिक जुर्माना आम आदमी बर्दाश्त नहीं कर सकता. केंद्र सरकार ने एक सितंबर से नई दरें लागू की हैं.