बिलासपुर. छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने गुरुवार को प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा आलोक शुक्ला समेत 12 अफसरों के खिलाफ सीबीआई को एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। इन अफसरों पर भाजपा शासनकाल के दौरान फर्जी संस्थान बनाकर 1 हजार करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप है। आरोपियों में से कुछ अफसर रिटायर हो चुके हैं। वहीं, एक आईएएस अफसर को पहले ही भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त किया जा चुका है। 2018 में दायर की गई जनहित याचिका पर जस्टिस प्रशांत कुमार मिश्रा और जस्टिस पीपी साहू की डिवीजन बेंच ने सुनवाई करते हुए आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्य के मुख्य सचिव अजय सिंह ने अपना शपथ-पत्र दिया था। इसमें उन्होंने 150-200 करोड़ की गलतियां सामने आने की बात कही थी। हाईकोर्ट ने कहा कि जिसे राज्य के मुख्य सचिव गलतियां और त्रुटि बता रहे हैं, वह एक संगठित और सुनियोजित अपराध है। कोर्ट ने सीबीआई को जांच के लिए निर्देश दिए। केंद्र सरकार के तरफ से असिस्टेंट सॉलिसिटर जनरल बी. गोपा कुमार और राज्य सरकार के तरफ से महाधिवक्ता सतीश चंद्र वर्मा ने पक्ष रखा।

मामले की गंभीरता को देखते हुए शुक्रवार को प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव विवेक ढांड व सुनील कुजूर व एक पूर्व आईएएस एमके राउत के अलावा आधा दर्जन आईएएस अफसर हाई कोर्ट पहुंचे और जस्टिस प्रशांत मिश्रा व जस्टिस गौतम चौरड़िया की डिवीजन बेंच के समक्ष फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग करते हुए रिव्यू पिटीशन दायर करने की अनुमति मांगी ।जस्टिस मिश्रा ने शासन के आवेदन को भी अस्वीकार कर दिया