नई दिल्ली। उज्ज्वला के तहत गैस कनेक्शन पाने वाले गरीबों को अब बड़े सिलेंडर के भार से मुक्ति मिलेगी। सरकार अब बड़े सिलेंडर की जगह छोटे सिलेंडर का विकल्प देने जा रही है। माना जा रहा है कि बड़े सिलेंडर की अधिक कीमत होने के कारण बहुत सारे गरीब परिवार उसे दोबारा भरवाने से बच रहे हैं। जबकि छोटे सिलेंडर को वे कम पैसे में आसानी से भरवा सकते हैं।
पेट्रोलियम मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, सरकार की महत्वाकांक्षी उज्ज्वला योजना के तहत गैस कनेक्शन पाने वाले गरीब परिवारों में से 80 फीसद दोबारा सिलेंडर भरवा रहे हैं। साल में दो, तीन या चार बार सिलेंडर भरवाने से साफ है कि उज्ज्वला योजना इन परिवारों को धुआं रहित और सुरक्षित इंधन उपलब्ध कराने में सफल रही है।
लेकिन 20 फीसद जिन परिवारों ने सिलेंडर दोबारा नहीं भरवाया है, वे पुराने धुएं वाली लकड़ी के चूल्हे से काम चला रहे हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि सिलेंडर नहीं भरवाने वाले 20 फीसद परिवारों का सर्वे कराने से पता चला कि गरीबी के कारण उनके पास दोबारा सिलेंडर भरवाने के लिए पैसे नहीं थे।

बड़े सिलेंडर को भरवाने में 900 रुपये से ज्यादा की जरूरत होती है। बड़े सिलेंडर को भरवाने में आ रही कठिनाई दूर करने के लिए पेट्रोलियम मंत्रालय ने उज्ज्वला योजना के तहत अब छोटे सिलेंडर का विकल्प देना शुरू किया है। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कई जगहों पर छोटे सिलेंडर उपलब्ध कराया जा रहा है।
इसके तहत गरीब परिवारों को बड़े सिलेंडर वापस कर छोटे सिलेंडर लेने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए कदम से देश के सभी गरीब परिवारों को धुआं रहित स्वच्छ इंधन उपलब्ध कराने का लक्ष्य पूरा किया जा सकेगा। दरअसल उज्ज्वला योजना की तैयारी के दौरान ही गरीब परिवारों को छोटे सिलेंडर देने पर विचार किया गया था। लेकिन छोटा सिलेंडर कहीं गरीबी की पहचान न बन जाए, इसे देखते हुए इस विचार को त्याग दिया गया। लेकिन अब नए सिरे से इसे लागू किया जा रहा है।

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