वाराणसी। काशी हिदू विश्वविद्यालय में गत दिनों नर्सिंग की अनुसूचित जाति की छात्रा की पिटाई प्रकरण ने मंगलवार को नया मोड़ ले लिया। विश्वविद्यालय व जिला प्रशासन की जुगलबंदी से आजिज छात्रा के शुभेच्छुओं ने सीएम व डीजीपी को ट्वीट कर दिया।
इसके बाद पुलिस हरकत में आई और आनन-फानन बीएचयू चीफ प्राक्टर रोयाना सिंह के खिलाफ लंका थाने में एफआइआर दर्ज कर ली। मामले में छात्रा ने शनिवार को ही तहरीर देकर कार्रवाई की गुहार लगाई थी। मालूम हो कि गुरुवार को मान्यता को लेकर धरना दे रहीं नर्सिंग की छात्राओं को चीफ प्रॉक्टर ने पीट दिया था।
घटना का वीडियो भी खूब वायरल हुआ। इसमें एक छात्रा के कान में गंभीर चोट आने की शिकायत भी की गई थी। सर सुंदरलाल हास्पिटल के ओपीडी में ईएनटी विशेषज्ञ डा. राजेश कुमार ने चोट के कारण कान का पर्दा फट जाने की पुष्टि भी की थी।
इसके बाद नर्सिंग छात्र लामबंद होकर नर्सिंग महाविद्यालय में धरने पर बैठ गए। वहीं, दर्जन भर से अधिक छात्र-छात्रा लंका थाने पहुंचे और चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ तहरीर देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की। उधर, शाम को चीफ प्रॉक्टर की ओर से भी नर्सिंग के छात्र-छात्राओं के खिलाफ तहरीर दी गई। हालांकि, दोनों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज नहीं किया गया। अनुसूचित जाति की छात्रा का मामला होने के कारण बीएचयू प्रशासन सतर्क था।
चार दिनों में विवि प्रशासन जहां सुलह की कोशिश में जुटा रहा वहीं आरोप है कि सोमवार को चीफ प्रॉक्टर के रिश्तेदार गाजीपुर स्थित छात्रा के घर पहुंचे और समझौते का दबाव बनाने लगे। छात्रा के परिजनों ने इसका वीडियो भी बना लिया। वीडियो मिलते ही नर्सिंग के एक छात्र ने उसे रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. हरजीत सिंह भट्टी को फारवर्ड कर मदद की गुहार लगाई।
डॉ. हरजीत ने सीएम योगी, डीजीपी, पूर्व सीएम अखिलेश यादव, आईजी वाराणसी आदि को वीडियो ट्वीट कर लिखा कि एफआइआर दर्ज होने में देरी के कारण किस तरह चीफ प्रॉक्टर के रिश्तेदार पीड़ित छात्रा के घरवालों पर दबाव बना रहे हैं।
इस पर रिप्लाई करते हुए वाराणसी पुलिस ने लिखा था कि आवश्यक कार्रवाई के लिए सीओ भेलूपुर को निर्देशित कर दिया गया है। दबाव बढ़ता देख मंगलवार की शाम आखिरकार पुलिस ने बीएचयू की चीफ प्रॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।
वहीं, बीएचयू के चीफ प्राक्टर रोयाना सिंह ने भी अपनी शिकायत पुलिस में दर्ज कराई है।