इंदौर। मोबाइल कंपनियों के नेटवर्क को परखने और गुणवत्ता की जांच में टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) ने पाया कि बातचीत के दौरान कॉल कटने और कॉल नहीं लगने की दिक्कतें हर कंपनी के साथ हैं। खास बात यह है कि इनमें सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल सूची में सबसे आगे है। वहीं निजी कंपनियों में कॉल ड्रॉप की संख्या काफी कम है। ये आंकड़े 28 नवंबर को जारी ट्राई की रिपोर्ट में सामने आए हैं।

टेलीकॉम कंपनियों की सेवा और नेटवर्क की गुणवत्ता को परखने के लिए ट्राई ने अगस्त में देशभर के छह शहरों में ड्राइव टेस्ट चलाया। इसमें इंदौर भी शामिल था। यहां बीएसएनएल सहित पांच निजी कंपनियां हैं। 7 से 9 अगस्त के बीच शहर के प्रमुख छह स्थानों पर नेटवर्क को जांचा गया। टेस्ट बॉम्बे हॉस्पिटल, सयाजी होटल, एमजीएम मेडिकल कॉलेज, हाई कोर्ट, एयरपोर्ट और पीएससी ऑफिस क्षेत्र में किया। टीम ने 2जी, 3जी और 4जी सेवा को जांचा। ड्राइव टेस्ट के आंकड़े 28 नवंबर को ट्राई ने सार्वजनिक किए हैं। ट्राई के सचिव एसके गुप्ता के अनुसार देशभर की सभी टेलीकॉम कंपनियों का नेटवर्क सालभर में चार-पांच बार टेस्ट करते हैं।

305 किमी में लगाए 5 हजार फोन कॉल

तीन दिनों तक चले टेस्ट में कंपनी ने 305 किमी दायरे में नेटवर्क और इंटरनेट स्पीड की जांच की, जिसमें कंपनी का कवरेज, गुणवत्ता, कॉल ड्रॉप, ब्लॉक कॉल, कॉल सेटअप सक्सेस रेट समेत कई बिंदुओं पर जांच की गई। टीम ने 2जी (2266) और 3जी (2294) और 4जी (875) कॉल किए। हर कॉल 90 सेकंड का किया। टेक्नोलॉजी परखने के लिए दो कॉल के बीच सिर्फ 10 सेकंड का अंतर रखा था।

इन शहरों का भी देखा नेटवर्क

अगस्त-सितंबर के बीच ट्राई ने छह शहरों में जाकर वहां नेटवर्क को परखा। इसमें इंदौर के अलावा लेह, देहरादून, झांसी, सेलम, तिरुपुर शामिल था। जहां ट्राई ने कंपनियों को निरंतर सेवाओं को बेहतर करने का सुझाव दिया है।

नई टेक्नोलॉजी के टॉवर

पिछले पांच-छह महीने से शहर में नई टेक्नोलॉजी के टावर लगाए जा रहे हैं। इसके चलते नेटवर्क थोड़ा डिस्टर्ब है, जिससे उपभोक्ताओं को कॉल ड्रॉप और ब्लॉक कॉल जैसी परेशानी का सामाना करना पड़ रहा है। फिलहाल नई कंपनी से टॉवर बुलवाए हैं। यह काम अंतिम चरणों में है।

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