भोपाल -कोरोना संक्रमण के बचाव एवं उसके प्रभाव को कम करने के लिये जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन द्वारा मुस्तैदी से जिम्मेदारी का निर्वाह किया जा रहा है । कोरोना संक्रमण कम करने एवं रोकने के लिये सबसे उचित एवं जरूरी माध्यम लॉक डाउन ही है, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग बनी रहती है । इस संक्रमण को रोकने में सोशल डिस्टेंसिंग कारगर सिद्ध हो रहा है । इससे भोपाल जिले में कोरोना संक्रमण में कमी एवं स्थिरता बनी हुई है। इस अभियान में जिला प्रशासन और पुलिस प्रशासन एक अहम भूमिका निभा रहा है ।
नगर निगम प्रशासन द्वारा भी कोरोना संक्रमण के बचाव के लिये मुस्तैदी से कार्य किये जा रहे हैं । भोपाल शहर की जनता का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है । इसके कहीं न कहीं प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया, प्रिंट मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया की उपयोगिता सिद्ध हुई है । जिससे लोगों में अवेयरनेस आई है और लोग जागरूक होकर सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं, जिससे इस भयंकर विश्व त्रासदी से हम लड़ने में सक्षम साबित हो रहे हैं ।
लॉक डाउन की सफलता का एक प्रमुख कारण आम लोगों को घर पर ही आवयकता की वस्तुएं आसानी से प्राप्त हो रही हैं, जिसमें जिला प्रशासन, नगर निगम, पुलिस प्रशासन का पूर्ण सहयोग प्राप्त हो रहा है । फल, सब्जियों को डोर-टू-डोर उचित दाम पर उपलब्ध कराई जा रही हैं। इसी प्रकार किराना सामान ऑनलाईन उपलब्ध कराया जा रहा है । दवाईयों के लिये मेडिकल स्टोर 24 घण्टे अपनी सेवाएं दे रहे हैं। जिला प्रशासन, पुलिस प्रशासन एवं नगर निगम का अमला उत्साह एवं जुनून से इस त्रासदी को कम करने के लिये कार्य कर रहा है ।
शहर में कोरोना जैसे संक्रमण को रोकने के लिये कॉलोनियों, स्लम बस्तियों, मार्गों इत्यादि पर सेनेटाईज का छिड़काव निरंतर किया जा रहा है । गरीब व असहाय लोगों को भोजन भी उपलब्ध कराया जा रहा है। इन सभी लोगों को सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिये समझाईश भी दी जा रही है। भोपाल स्मार्ट सिटी के ऑफिस में कंट्रोल रूम से पूरे जिलों के लोगों के स्वास्थ्य, भोजन, आवागमन, ठहरने आदि समस्याओं का समाधान त्वरित रूप से किया जा रहा है ।

क्षय रोगियों को एक माह की एडवांस औषधियाँ उपलब्ध कराने के निर्देश

भोपाल : कोरोना संक्रमण की गंभीर स्थिति को देखते हुए समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान क्षय रोगियों को अतिरिक्त रूप से एक माह की एडवांस औषधियाँ उपलब्ध करायें। मिशन संचालक एन.एम. ने निर्देश जारी किये हैं कि नये खोजे गये टी.बी. रोगियों का उपचार पी.एच.आई. स्तर पर किया जाना और समस्त टी.वी. मरीजों को आवश्यक रूप से औषधियाँ उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें।
प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश दिये गये हैं कि सभी टी.बी. रोगियों की जाँच सुचारुप से की जाये। लॉकडाउन के दौरान औषधियों का वितरण अनिवार्य रूप से किया जाये। जिला क्षय अधिकारी कोई समस्या उत्पन्न होने पर जिला प्रशासन की मदद से स्थानीय स्तर पर उसका समाधान करने का प्रयास करें। अगर राज्य-स्तर से सहयोग की आवश्यकता महसूस होती है, तो राज्य क्षय कार्यालय को सूचित करें। क्षय रोगियों (पब्लिक एवं प्राइवेट) को तथा पी.एच.आई. स्तर तक एक माह की अतिरिक्त एडवांस औषधियाँ उपलब्ध कराई जाये। ड्रग स्टॉक को निक्षय औषधि सॉफ्टवेयर में प्रतिदिन अपडेट करे। जिलों से कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान क्षय कार्यक्रम प्रभावित न हो, यह सुनिश्चित करें।

सोशल डिस्टेंसिंग के साथ बीज, उर्वरक की पैकेजिंग, परिवहन की अनुमति दी गई

भोपाल : लॉकडाउन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए बीज, उर्वरक एवं कीटनाशक दवाओं के उत्पादन, पैकेजिंग, परिवहन तथा विक्रय की अनुमति प्रदान की है। इस दौरान काम करने वाले कामगारों को सेनेटाईजर एवं मास्क आदि की व्यवस्था उपलब्ध कराना अनिवार्य किया गया है। इसी तरह सड़क व रेल द्वारा उर्वरक आर्पूत, परिवहन, बीज उत्पादन कार्यक्रम के तहत बीज की ग्रेडिंग, रबी फसल की कटाई में प्रयुक्त होने वाले कंबाईन हार्वेस्टर, ट्रेक्टर, कृषि यंत्रों के परिवहन की अनुमति प्रदान की गई है। निजी खेतों पर श्रमिकों से रबी फसल के कटाई के दौरान भी सावधानियां बरतते हुए किसान फसल कटाई करा सकेंगे ।