15वीं विधानसभा के सोमवार से शुरू हो रहे पहले सत्र में फ्लोर पर स्पीकर के चुनाव में कमलनाथ सरकार का पहला शक्ति परीक्षण होने जा रहा है। सीएम कमलनाथ ने अपने 113 विधायकों (केपी िसंह को छोड़कर) को भोपाल में रविवार को ही एकत्रित कर लिया। पार्टी सरकार को समर्थन देने वाले सात विधायकों को एकजुट रखने में लगी रही।
दूसरी तरफ भाजपा ने भी मशक्कत शुरू कर दी है। दिल्ली से आए कैलाश विजयवर्गीय दिनभर भोपाल में सक्रिय रहे। उनके साथ नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह भी निर्दलीय और कांग्रेस के नाराज विधायकों को साधने में लगे रहे। हालांकि देर रात तक यह निर्णय नहीं हो पाया है कि भाजपा स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतारेगी या नहीं।
जबकि कांग्रेस ने स्पीकर पद के लिए गोटेगांव विधायक एनपी प्रजापति का नाम तय कर लिया है। वहीं भाजपा में नेता प्रतिपक्ष के लिए दिल्ली से नरोत्तम का नाम आया है, लेकिन गोपाल भार्गव भी इस दौड़ में शामिल हैं। सोमवार को पर्यवेक्षक बनकर आ रहे राजनाथ सिंह इस पर फैसला करेंगे।
कमलनाथ और दिग्विजय के बीच फिर संकटमोचक बनकर उभरे ज्योतिरादित्य, विशेष विमान भेजकर शिवपुरी से भोपाल बुलाया गया
चार घंटे चली कांग्रेस की बैठक : केपी सिंह को छोड़कर सभी 113 विधायक पहुंचे
कांग्रेस में सरकार बचाने के लिए रविवार को बसपा, सपा और निर्दलीयों को मनाने का दौर चलता रहा। कांग्रेस विधायक दल की बैठक में केपी सिंह को छोड़कर सभी 113 विधायक मौजूद रहे। सिंह बीमार है। बैठक के बाद डिनर में बसपा विधायक संजीव कुशवाह, रामबाई, सपा विधायक राजेश शुक्ला, निर्दलीय प्रदीप जायसवाल, सुरेंद्र सिंह ठाकुर, विक्रम सिंह राणा और केदार डाबर भी पहुंचे। सीएम कमलनाथ, दिग्विजय के बीच रविवार को एक बार फिर से ज्योतिरादित्य सिंधिया संकटमोचक बनकर उभरे। नाथ ने सिंधिया को विधायक दल की बैठक में शामिल होने के लिए विशेष विमान शिवपुरी भेजा, जहां से वे अपने सभी कार्यक्रम निरस्त कर भोपाल पहुंचे।
दिग्विजय दिनभर रहे सक्रिय
दिग्विजय सिंह रविवार को सुबह से ही सक्रिय रहे। वे दो बार एक होटल में गए जहां विधायकों को रुकवाया गया है। इस होटल में एक मंत्री को भी इन विधायकों की देखरेख के लिए रखा गया है, इनमें अधिकांशत: पहली बार के विधायक हैं। इधर, सिंह ने विधायकों से सीधा संपर्क किया। दिग्विजय ने सीधे तौर पर भाजपा के नरोत्तम मिश्रा और भूपेंद्र सिंह पर कांग्रेस के विधायकों को अपने पक्ष में करने के लिए उनसे बात करने का आरोप लगाया था। इसके बाद ही कांग्रेस पार्टी ने हार्स ट्रेडिंग की संभावना के चलते बीते दो दिनों से पहली बार के जीते विधायकों और निर्दलियों की घेराबंदी शुरू कर दी थी।
भाजपा क्या हार्स ट्रेडिंग करेगी, उसके पास न ‘हार्स है न ट्रेडिंग’
भाजपा हमारे विधायकों की खरीद फरोख्त क्या हार्स ट्रेडिंग करेगी। भाजपा के पास न हार्स रहा न व्यापार (ट्रेडिंग)। हम जब भी जरूरत होगी बहुतम सिद्ध कर देंगे। ज्योतिरादित्य सिंधिया, सांसद
बना सकते हैं चार और मंत्री
सरकार नया सियासी दांव खेलते हुए दो निर्दलीय सुरेंद्र सिंह शेरा और विक्रम सिंह राणा को मंत्री बना सकती है। मायवती की अनुमति के बाद बसपा से संजीव कुशवाह और सपा से राजेश शुक्ला को मंत्री बनाया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सुबह विक्रम सिंह राणा और अन्य विधायकों से सीधी बात भी की है।
स्पीकर उम्मीदवार के लिए देर रात तक शिवराज के घर पर दिग्गजों का मंथन
विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए उम्मीदवार तय करने भाजपा में रविवार देर रात तक अनिर्णय की स्थिति बनी रही। शिवराज सिंह चौहान के निवास पर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह समेत तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह भाजपा अपने पत्ते सामने लाएगी। सूत्रों की मानें तो शिवराज खेमा चुनाव लड़ाने के पक्ष में नहीं है। केंद्रीय नेतृत्व ने इस बारे में प्रदेश संगठन पर निर्णय छोड़ा है। इससे पहले दिन भर पार्टी में स्पीकर के संभावित चुनाव को लेकर काफी गहमा-गहमी रही। सुबह कैलाश विजयवर्गीय भोपाल में पार्टी दफ्तर पहुंचे। उनके साथ नरोत्तम मिश्रा भी थे।
थोड़ी देर बाद संजय पाठक, विश्वास सारंग और अरविंद भदौरिया भी आ गए। संगठन के साथ रणनीतिक चर्चा के बाद विजयवर्गीय रवाना हो गए। इसी बीच पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के निवास पर प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह और संगठन महामंत्री सुहास भगत पहुंचे। करीब एक घंटे सभी मुद्दों पर बात हुई। शाम को भूपेंद्र सिंह पार्टी दफ्तर राकेश सिंह से मिलने गए। देर रात सभी दिग्गज शिवराज सिंह के निवास पर जुटे। इन सभी कवायदों को विधानसभा अध्यक्ष पद के चुनाव से जोड़कर देखा जा रहा है। इन्हीं नेताओं को भाजपा विधायकों समेत निर्दलीय विधायकों से संपर्क का जिम्मा दिया गया है। भाजपा ने अपने सभी विधायकों को सूचना भेज दी है कि वे अनिवार्य रूप से मौजूद रहें। यानी संख्या बल 109 से कम नहीं होना चाहिए। कांग्रेस के नाराज विधायक केपी सिंह, एदल सिंह कंसाना, राज्यवर्धन दत्तीगांव, संजय शर्मा से भी संपर्क की तैयारी है। विजयवर्गीय व नरोत्तम इसके लिए सक्रिय हैं।
हो रहा है विचार : विजयवर्गीय
भोपाल पहुंचे विजयवर्गीय ने मीडिया से बातचीत में संकेत दिए कि पार्टी इस पर पूरी तरह विचार कर रही है। सोमवार को इस पर निर्णय लेंगे। राकेश सिंह ने भी कहा कि इस बारे में निर्णय जल्द करेंगे। सोमवार तक स्थिति साफ हो जाएगी। जहां तक कांग्रेस विधायकों से संपर्क का सवाल भाजपा ऐसी कोई कोशिश नहीं करेगी। न ही इसका वर्तमान में आवश्यकता है।
तो ये हो सकते हैं उम्मीदवार
भाजपा विधानसभा अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ती है तो पहले नंबर पर पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीतासरन शर्मा का नाम होगा। इसके अलावा पार्टी वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ला, राजेंद्र शुक्ला को भी सामने ला सकती है।