1967 के बाद पहली बार होने जा रहे मध्यप्रदेश विधानसभा स्पीकर चुनाव में मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी ने सदन के बाहद गुप्त मतदान की मांग की, इसे संसदीय कार्य मंत्री गोविंद सिंह ने ठुकरा दिया है। बता दें कि मंगलवार हो रहे इस शक्ति परीक्षण से पहले कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने भाजपा पर विधायकों को 100-100 करोड़ रुपए का लालच देने का आरोप लगाया था। स्पीकर के लिए कांग्रेस ने एनपी प्रजापति और भाजपा ने विजय शाह को मैदान में उतारा है।

गोपाल भार्गव बने विपक्ष के नेता

भाजपा विधायक गोपाल भार्गव को नेता विपक्ष चुना गया। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने उन्हें बधाई दी, तो गोपाल भार्गव ने सकारात्मक सहयोग का वादा किया। संसदीय कार्यमंत्री गोविंद सिंह ने सदन की कार्ययोजना पढ़कर सुनाई

नाराज दत्तीगांव से मिले मुख्यमंत्री, केपी सिंह ने देखा तक नहीं
कांग्रेस ने पहली बार के विधायकों को बताया-वोट कैसे डालना है। मुख्यमंत्री कमलनाथ की ओर से दिए गए रात्रिभोज में चारों निर्दलीय प्रदीप जायसवाल, सुरेंद्र ठाकुर, विक्रम राणा, केदार डाबर समेत बसपा के संजीव कुशवाह और सपा के राजेश शुक्ला शामिल हुए। नाराज चल रहे विधायक राजवर्धन दत्तीगांव से मुख्यमंत्री सीट पर मिलने पहुंचे। लेकिन, केपी सिंह ने शपथ लेने के बाद मुख्यमंत्री की ओर देखा तक नहीं। ऐसे में भाजपा के आठ असंतुष्ट विधायकों पर भी कांग्रेस की नजर है।

भाजपा ने नरोत्तम, भूपेंद्र और विश्वास को सक्रिय किया
भाजपा में विजय शाह को जिताने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने संभाल रखी है। इस बारे में उनकी नरोत्तम, भूपेंद्र सिंह और विश्वास सारंग समेत अन्य नेताओं से देर रात तक कई बार चर्चा हुई। भाजपा विधायक दल की बैठक में कांग्रेस के असंतुष्ट, छोटे दलों के विधायकों से संपर्क के प्रयास किए जा रहे हैं। भाजपा संगठन ने तीन टीमें बनाई हैं जो भाजपा के विधायकों को निगरानी में रखे हुए हैं। यशोधरा राजे सिंधिया ने विधानसभा को एक सप्ताह के अवकाश की सूचना दी थी, लेकिन उन्हें हर हाल में मंगलवार को विधानसभा में उपस्थित रहने को कहा गया है।

हम बहुमत सिद्ध कर देंगे- नाथ
कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार को पूर्ण बहुमत प्राप्त है। सदन में अध्यक्ष के चुनाव में भी इसे सिद्ध कर देंगे। प्रोटेम स्पीकर के चयन में संसदीय परंपरा तोड़ने के भाजपा के आरोप पर उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मुझे संसदीय परंपराओं के बारे में ज्ञान न दें। में स्वयं लोकसभा में प्रोटेम स्पीकर रहा हूं।

बसपा विधायक की चेतावनी
बसपा की पथरिया से विधायक रामबाई सिंह ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लोगों के उनके पास फोन आ रहे हैं। कांग्रेस को उन्हें मंत्री तो बनाना होगा। अगर उन्हें मंत्री नहीं बनाया जाता तो उन्हें पता है कि मंत्री कैसे बना जाता है। उधर, समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गौरी यादव ने कहा कि अगर बिजावर विधायक राजेश शुक्ला को मंत्री नहीं बनाया जाता तो कांग्रेस को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

प्रोटेम स्पीकर के चयन में तोड़ी संसदीय परंपरा: शिवराज
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सदन में कहा कि कांग्रेस ने प्रोटेम स्पीकर के चयन में संसदीय परंपरा तोड़ी है। सदन में जब सात से आठ बार के विधायक हैं तो वरिष्ठता के आधार पर उन्हें प्रोटेम स्पीकर बनाया जाना चाहिए। उधर, कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि 2014 में लोकसभा में भाजपा को स्पष्ट बहुमत होने के बाद भी वरिष्ठतम सांसद होने के नाते कमलनाथ को प्रोटेम स्पीकर बनाया गया था।

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