अब तक आपने एक ही खेत में आलू और टमाटर उगते देखे होंगे, लेकिन एक ही पौधे की जड़ में आलू और ऊपर टमाटर उगे हुए हों तो। जी हां! छत्तीसगढ़ में ग्राफ्टिंग (कलम बांधकर) से ऐसा ही प्रयोग किया गया है, जो सफल हो गया है।
विदेशों में इस तकनीक से उगाए गए उत्पाद को टॉमटैटो कहते हैं। यह सफल प्रयोग दुर्ग जिले के पाटन के पास चंगोई गांव में किसान देवेंद्र कोठारी के यहां उद्यानिकी विभाग की फ्रंट लाइन डिमाॅस्ट्रेशन योजना के तहत इंदिरा गांधी कृषि विवि के वैज्ञानिकों द्वारा किया गया है।
ग्राफ्टिंग तकनीक से टॉमटैटो के 12 पौधे विकसित किए गए हैं। कोठारी के अनुसार आलू-टमाटर के हाईब्रिड पौधे के सफल रहने पर बिना अतिरिक्त खर्च टमाटर के साथ आलू के उत्पादन में 4-5 टन बढ़ने की उम्मीद है।
प्रदेश में टॉमटैटो का प्रयोग पहली बार में सफल हुआ है। इस तकनीक से उगाए गए हाईब्रिड पौधे से उत्पादन बढ़ सकता है। -भूपेंद्र पाण्डेय, एडिशनल डायरेक्टर, हॉर्टिकल्चर
ऐसे की गई ग्राफ्टिंग : आलू के 10 तरह के पौधों के साथ टमाटर के पौधे की ग्राफ्टिंग कर हाइब्रिड पौधा तैयार हुआ। 90 दिन में पौधे के ऊपर टमाटर और नीचे आलू विकसित हुए। अब प्रति पौध उपज देखते हुए व्यावसायिक खेती शुरू होगी। प्रदेश में अब तक बैगन व टमाटर की वाइल्ड वेरायटी के साथ प्रोडक्टिव वेरायटी को ग्राफ्ट कर उत्पादन बढ़ाया जा रहा था।