रायपुर . पूर्व मंत्री राजेश मूणत के कथित सीडी कांड की सुनवाई में शुक्रवार को सीबीआई मजिस्ट्रेट सुमीत कपूर की कोर्ट में आरोपी कैलाश मुरारका ने शपथपत्र देकर इस मामले में पिछली सरकार के एक ओहदेदार से जुड़े अफसर तथा एक उद्योगपति पर साजिश और सौदेबाजी में शामिल रहने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

मुरारका ने शपथपत्र में कहा कि अश्लील सीडी देखने के लिए उसके साथ यह अफसर मुंबई और दिल्ली भी गया था और टेंपर्ड सीडी बनाने के आरोपी विजय पंड्या से भी मुलाकात की थी। इसके बाद इस अफसर की जगह उद्योगपति ने इसी मामले में लवली खनूजा से भी फोन पर बात की थी, जिसे रिकार्ड कर लिया गया था।

इस टेप में लंबी सौदेबाजी के बाद सीडी 5 करोड़ रुपए में खरीदना तय होने की रिकार्डिंग है। खनूजा इस मामले में सरकारी गवाह है। मुरारका ने शपथपत्र के साथ सारे आडियो टेप एक पेन ड्राइव में लेकर अदालत को सौंप दिए हैं।

मुरारका सीडी कांड का मुख्य आरोपी है, लेकिन उसके शपथपत्र और अदालत को सौंपे गए सबूतों की खबर ने प्रदेश के राजनैतिक हल्के में खलबली मचा दी है। विशेष कोर्ट में सारे सबूत शुक्रवार को पेशी के दौरान प्रस्तुत किए गए। मुरारका शाम 4 बजे कोर्ट में पेश हुआ।

उसके साथ अधिवक्ता ठाकुर आनंद मोहन सिंह ने बचाव पक्ष के रूप में जिरह की। शपथपत्र में दिए गए तथ्य तथा पेन ड्राइव में उपलब्ध सामग्री का बचाव पक्ष के अधिवक्ता ने सुनवाई के दौरान उल्लेख किया। बचाव पक्ष ने मुरारका के हवाले से अदालत को बताया कि सीडी मामले की जानकारी पिछली सरकार को पहले से ही गई थी और पता चल गया था कि प्रदेश के कुछ प्रभावशाली लोगों की सीडी बन गई है। मुरारका के अनुसार वह 24 अगस्त 2017 को मुंबई के सहारा स्टार होटल में पिछली सरकार के एक अफसर से मिला था।

उसके बाद दोनों ने पहले मुंबई तथा कुछ समय बाद दिल्ली में विजय पंड्या से मुलाकात की, क्योंकि वह दावा कर रहा था कि मंत्री की कथित सीडी उसके पास है। दिल्ली में अफसर और मुरारका ने यह सीडी देखी। उसके बाद सीडी के एवज में पंड्या ने साढ़े 4 करोड़ रुपए की मांग रखी।

तब अफसर ने यह रकम देने से मना कर दिया। रायपुर आने के बाद उसने पिछले सरकार के एक ओहदेदार को यह बात बताई। मुरारका का शपथपत्र में दावा है कि ओहदेदार ने अफसर को मुरारका से मिलने से मना कर दिया। उसके बाद अफसर की उससे मुलाकात नहीं हुई।

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