इंदौर। वनविभाग में गड्ढों की खुदाई घोटाला की जांच के दौरान गड्ढों की गिनती घोटाला हो गया। सीसीएफ ने 2 एसडीओ के नेतृत्व में फिजीकल वेरिफिकेशन के लिए दल बनाए थे। एसडीओ ने मात्र 1 दिन में 58 हजार गड्ढों की गिनती कर रिपोर्ट सौंप दी। सीसीएफ भी हैरान थे कि मात्र 1 दिन में 58 हजार गड्ढों की गिनती, उनकी गहराई एवं गोलाई की नपाई इत्यादि इतना सारा काम कैसे हो गया। सीसीएफ ने दोनों एसडीओ को नोटिस जारी किया है।
पत्रकार कपिल नीले की रिपोर्ट के अनुसार मानसून में होने वाले पौधारोपण से जुड़े कार्यों की जमीनी हकीकत जानने के लिए मुख्य वन संरक्षक ;सीसीएफ ने जांच दल को निरीक्षण की जिम्मेदारी दी, लेकिन जांच में ही गड़बड़ी की आशंका के चलते सीसीएफ ने अधिकारी को नोटिस दिया है। उन्होंने गड्ढे गिनने की तकनीक के बारे में भी पूछ लिया है। जुलाई में प्लांटेशन को लेकर जनवरी से अप्रैल के बीच जंगलों में काम हुआ। इसमें गड्ढेए प्लांटेशन एरिया में फेंसिंगए खाद.मिट्टी डालना आदि शामिल है।
सीसीएफ को अधूरे काम और कार्य से अधिक बिल.वाउचर लगाने समेत कई शिकायतें मिली थी। मामला वन विभाग मुख्यालय तक पहुंचने के बाद सीसीएफ ने जून में एसडीओ संदीप गौतम एवं ओपी पटेल व दो अन्य एसडीओ के नेतृत्व में टीम बनाई। उन्हें अलग.अलग वनक्षेत्रों के निरीक्षण की जिम्मेदारी दी। जून में एसडीओ गौतम को इंदौर रेंज में आने वाली मोरोद और उमरीखेड़ा बीट की जांच दी। दल में दो वनपाल भी शामिल थे, उन्हें करीब 50 हेक्टेयर जंगल में कार्यों की स्थिति का पता लगाना था। सूत्रों के मुताबिक दल ने 24 घंटों में 70 हजार गड्ढे गिने। साथ ही खाद.मिट्टी की स्थिति भी जानी। इतना ही नहीं, अगले ही दिन रिपोर्ट सौंप दी। रिपोर्ट में बताया गया कि कार्य की गुणवत्ता सही है। बता दें कि मोरोद में करीब 34 हजार और उमरीखेड़ा में 33 हजार पौधे लगाए जाने हैं। वहीं तिल्लौर की जांच करने आए एसडीओ ओपी पटेल ने अपनी रिपोर्ट दी।

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